जी हां, पत्नियों की कमाई से बढ़ जाता है पतियों का तनाव
सेहतराग टीम
भले ही पूरी दुनिया पुरुष और महिलाओं के बीच समानता की कितनी भी बात करती हो मगर पुरुषों के दिमाग में आज भी पुरुष श्रेष्ठता ग्रंथि हावी है। और ऐसा सिर्फ भारत में नहीं है। दुनिया का सबसे विकसित और व्यक्तिगत समानता का चैंपियन माना जाने वाला अमेरिका भी इस पुरुष श्रेष्ठता ग्रंथि से पीड़ित है। इस बात का खुलासा हुआ है एक शोध से जो बताता है कि यदि किसी परिवार में महिला की कमाई कुल घरेलू कमाई के 40 फीसदी से अधिक हो जाए तो उसका पति तनाव में आ जाता है।
क्या कहता है शोध
इस शोध के अनुसार घर में इकलौता कमाऊ व्यक्ति होना भी पतियों को तनावपूर्ण लगता है लेकिन अगर उनकी पत्नियां घर की कुल कमाई का 40 प्रतिशत से अधिक आय अर्जित करने लगती हैं, तो उनका तनाव और अधिक बढ़ जाता है।
पूरी दुनिया में विवाह को पुरुष और स्त्री के बीच समानता के पैमाने पर परखा जाता है मगर बाथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि एक परिवार में पति तब ज्यादा तनाव में रहता है जब वह अपनी पत्नी पर आर्थिक रूप से निर्भर हो जाता है या फिर उसका परिवार उसकी इकलौती कमाई पर पूरी तरह आश्रित होता है।
शोधकर्ताओं ने 15 वर्षों में 6,000 से अधिक अमेरिकी जोड़ों की आदतों का अध्ययन करने वाले इस शोध में पाया कि यदि पत्नी घरेलू आय के 40 फीसदी से कम कमा रही होती हैं तो पति के तनाव का स्तर कम हो जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, किसी महिला की आय 40 प्रतिशत से अधिक हो जाने पर उनके पति का तनाव स्तर बढ़ जाता है।
क्या कहते हैं शोधकर्ता
बाथ स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के अर्थशास्त्री डॉ. जोआना सिरडा के अनुसार, ‘इन निष्कर्षों से पता चलता है कि इकलौती कमाई वाले पुरुष के बारे में सामाजिक मानदंड और पुरुषों की अपनी पत्नियों से अधिक कमाई करने की पारंपरिक सोच पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि ये शोध यह भी दिखाता है कि लैंगिक पहचान के मानदंड कितने मजबूत और सतत हैं।
डॉक्टर सिरडा के अनुसार पुरुषों का यह तनाव उनमें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि शारीरिक बीमारी, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक समस्याओं की वजह बन सकता है।
मगर अपवाद भी हैं
हालांकि इस शोध के दौरान एक दिलचस्प तथ्य यह सामने आया कि जो पुरुष यह जानते हुए किसी महिला से शादी करते हैं कि उनकी होने वाली पत्नी की कमाई से घर चलेगा, उन्हें इस तरह का तनाव नहीं होता और न ही किसी तरह के विपरीत स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।
प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि 1980 में केवल 13 प्रतिशत विवाहित महिलाओं ने अपने पति से अधिक कमाया। हालांकि, 2017 में यह संख्या एक तिहाई यानी 33 फीसदी के करीब पहुंच गई है। जैसे-जैसे संख्या बढ़ रही है, शोधकर्ता परिकल्पना कर रहे हैं कि यह बदलाव ‘सामाजिक मानदंडों, भलाई और पुरुषत्व की हमारी समझ’ को कैसे प्रभावित करेगा।
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